XM ने पूरे किए दक्षिण अफ्रीका के बीमार बच्चों के मासूम सपने

इस तारीख को पोस्ट की गई 08/09/2022 14:44 (IST). अधिक पढ़ें CSR

अभी हाल में हमने दक्षिण अफ्रीका के रीच फॉर ए ड्रीम प्रतिष्ठान के साथ मिलकर कैंसर या मस्तिष्क ट्यूमर जैसे प्राण-घातक बीमारियों से जूझ रहे बच्चों की मदद करने के इस प्रतिष्ठान के प्रयासों को समर्थन दिया।

हम दोनों ने निश्चय किया कि हर महीने हम ऐसे दो बच्चों को चुनकर उनके जीवन के सपनों को साकार करने की कोशिश करेंगे, ताकि उनके लिए कम से कम वह एक दिन खुशियों से भर जाए।

इस साल गर्मियों में, हमने दो बहादुर बच्चों को चुना – अखुले, जो बी-सेल एक्यूट लिंफोब्लास्टिक ल्यूकेमिया नामक गंभीर बीमारी से जूझ रहा है, और सेनामिल, जो ओस्टियोसारकोमा नामक बीमारी के साथ जीने को मजबूर है। हमने इनसे पूछा कि क्या पाने से उनका मन झूम उठेगा?

अखुले जोंडी, 4 साल

अखुले एक शर्मीला बालक है, जिसकी मुस्कुराहट दुनिया की सुंदरतम चीजों में गिनी जाएगी। उसे अपने माता-पिता और जुड़वी बहन अफील के साथ समय बिताना अच्छा लगता है। अखुले को अपनी माँ के फोन पर गेम खेलना भी पसंद है। इसलिए उसे कैसे खुश किया जाए, यह तय करना ज्यादा मुश्किल नहीं था।

हमने उसे एक बबल-गम टैब्लेट लाकर दिया और जब उसने उसे पहली बार हाथ में लिया, तो उसकी आँखों में खुशियों की लहर दौड़ गई। वह पूरा समय उसी के साथ खेलता रहा, तब भी जब हम उसे तथा उसके परिवार को पीज्जा के लिए बाहर ले गए। पीज्जा उसे बेहद पसंद है। दिन भर के सैर-सपाटे से उसके नन्हे से दिल को खुशियों से छलकते हुए देखकर हम भी आनंदित हो उठे।

सेनामिल नोसिहले लुथूली, 14 साल

सेनामिल एक बातूनी युवती है, जिसे फैशन डिजाइन, चित्रकारी और फोटोग्राफी में रुचि है। वह अपना खाली समय दोस्तों के साथ बातचीत करते हुए और अपनी माँ के फोन से फोटो लेते हुए गुजारती है। इसलिए खुद का एक सेल फोन होने का सपना वह बहुत दिनों से सँजोए हुए थी।

जब वह हमसे मिलने आई, तो हमने उसे एक रीच फॉर ए ड्रीम टेडी बेयर, चादर, नोटबुक, और एक बीनी टोपी दी। सेनामिल बहुत ही प्रसन्न हुई और उसने शायद सोचा कि बस इतना ही है, पर हमने उसे एक बिलकुल नया सेल फोन देकर स्तब्ध कर दिया। सेनामिल इतनी आश्चर्यचकित हुई कि मिनट भर के लिए तो वह कुछ भी नहीं बोल पाई। इसके बाद भी हमारे पास उसे चकित करने के लिए कुछ था क्योंकि हम उसे और उसके परिवार को बहार घुमाने ले गए। उसे ताजी हवा में घूमना बेहद पसंद है, पर अस्पताल से छोड़े जाने के बाद घर पर ही अधिकांश समय बिताने के कारण वह इसका ज्यादा मजा नहीं ले पा रही थी।

यदि आप स्वास्थ्य-समस्याओं से संघर्ष कर रहे बच्चों को समर्थित करना चाहें या आप ऐसे किसी बच्चे के बारे में जानते हों, जो रीच फॉर ए ड्रीम प्रतिष्ठान की इस पहल से लाभान्वित हो सकता है, तो इस प्रतिष्ठान की वेबसाइट पर अधिक जानकारी पढ़ सकते हैं।